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Urdu Teacher

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Urdu Teacher: बिहार के ज्यादातर स्कूलों में नहीं है उर्दू के शिक्षक

मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल।
ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी का कहना है कि बिहार के ज्यादातर स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की जगहे बरसों से खाली है। नतीजे के तौर पर उर्दू पढ़ने वाले छात्रों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए हमारी सरकार से अपील है कि इस सिलसिले में अविलंब पहल किया जाए और छात्रों को उनके मात्र भाषा में शिक्षा देने का सरकार इंतजाम करें।

बिहार में उर्दू को दूसरी राज्य भाषा का दर्जा हासिल है लेकिन राज्य के सरकारी स्कूलों में उर्दू पढ़ने का मुनासिब इंतजाम नहीं है। वजह है टिचरों की कमी। उर्दू की सीटें खाली रह जाती है लेकिन उस पर नियुक्ति नहीं हो पाती है। नतीजे के तौर पर चाह कर भी उर्दू पढ़ने वाले छात्र उर्दू नहीं पढ़ पा रहे हैं। जो बच्चे स्कूलों में उर्दू पढ़ना चाहते हैं उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है जबकि खुद सरकार की पॉलेसी है कि हर छात्र अपनी मात्र भाषा में शिक्षा हासिल कर सकता है। ये कहना है ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी का। मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने बताया की राज्य में Urdu Teacher की हजारों सीटें खाली हैं फिर भी सरकार की तरफ से उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति नहीं किया जाना अफसोसनाक है।

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अल्पसंख्यक विभाग करें छात्रों की ट्रेनिंग का इंतजाम

ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल का कहना है कि हर छात्र को अपनी मादरी जबान में पढ़ने का हक हासिल है। सरकार भी भाषाओं के विकास की बात करती है। बिहार सरकार ने भी कई बार वादा किया है कि सभी स्कूलों में Urdu Teacher की बहाली होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उर्दू के मसले को हल करने के साथ-साथ उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति का वादा किया था लेकिन अफसोस है कि हुकूमत अपने वादे को पूरा नहीं कर सकी है। ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल का कहना है कि हजारों स्कूलों में उर्दू शिक्षकों का नहीं होना दुख की बात है। सरकार को चाहिए की सभी स्कूलों में उर्दू के शिक्षकों की बहाली जल्द की जाए। मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने अल्पसंख्यक विभाग और उसके मंत्री से अपील किया है कि अल्पसंख्यक समाज आर्थिक एतबार से कमजोर है। शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ट्रेंड शिक्षक का होना जरूरी है। इसलिए अल्पसंख्यक विभाग माली मदद कर छात्रों को बी.एड कराने का इंतजाम करें ताकि छात्रों की ट्रेनिंग का मसला भी हल हो सके।

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