अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021

 

अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021

 

अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021 को प्रभावशाली बनाने की कोशिश

 

PATNA- बिहार के बेरोजगार अल्पसंख्यक नौजवानों को अब 5 लाख रुपये के बजाए 10 लाख रुपये तक का कर्ज मिलेगा वो भी बगैर किसी ब्याज के। अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021 में लोन के सिलसिले में नया बदलाव किया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने इस बात की जानकारी दी है। जमा खान ने कहा कि राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय आर्थिक एतबार से हाशिए पर हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो अपना रोजगार खड़ा कर सके। जमा खान का कहना है कि मौजूदा सरकार अकलियतों के विकास के सिलसिले में गंभीर है। मंत्री के मुताबिक सरकार की तरफ से उन्हें कर्ज मुहैया कराई जाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा अकलियती नौजवान अपना रोजगार कायम कर सके और मुख्य धारे का हिस्सा बन सके। जमा खान ने कहा कि पहले कर्ज मिलने में दुश्वारी होती थी लेकिन अब अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021 में सुधार किया गया है। अल्पसंख्यक विभाग की तरफ से सख्त हिदायत दी गई है कि 45 दिनों के अंदर कर्ज के लिए दरख्वास्त देने वालों की दरख्वास्त पर कार्रवाई की जाए। जमा खान का कहना है कि जो अफसर इस मामले में कोताही करेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

 

अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021
Mohd Zama Khan, Minister of Minorities Welfare of Bihar.

 

 

कर्ज लेने के लिए क्या करना होता है

 

बिहार के अल्पसंख्यक नौजवानों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार की तरफ से कर्ज देने की योजना चलाई जा रही है। पहले ये स्कीम केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जाती थी, तब लोगों को कर्ज लेना जंगल से शेर पकड़ने के बराबर हुआ करता था। अब ये योजना राज्य सरकार के मातहत चलाई जाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्कीम को राज्य में लागू किया है और हर साल इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपया का आवंटन किया जाता है। कर्ज देने का काम अल्पसंख्यक विभाग के मातहत काम करने वाला अल्पसंख्यक वित्तीय निगम करता है। निगम कर्ज के लिए फार्म निकालता है और जरूरतमंद नौजवान निगम को कर्ज के लिए अपनी दरख्वास्त देते हैं। निगम कर्ज की रकम को समय पर नहीं बाट पाता था इसलिए अल्पसंख्यक विभाग ने सख्ती करते हुए निगम को आदेश दिया है कि दरख्वास्त देने के 45 दिनों के भीतर कर्ज देने की सुविधा मुहैया की जाए। अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021 में बुनियादी बदलाव किया गया है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने दावा किया है कि कर्ज देने के सिलसिले में आ रही मुश्किलें अब खत्म हो जाएगी और जरूरतमंद नौजवानों को इस योजना से तत्काल लाभ मिल सकेगा।

 

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अल्पसंख्यक विभाग ने मुख्यमंत्री से की थी सिफारिश

 

अल्पसंख्यक विभाग ने मुख्यमंत्री से अपील किया था कि कर्ज की रकम को 5 लाख रुपया से बढ़ा कर 10 लाख रुपया किया जाए। मुख्यमंत्री ने विभाग की मांग को मानते हुए कर्ज की रकम को 5 लाख से बढ़ा कर 10 लाख रुपया कर दिया है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का कहना है कि ये एक ऐसी योजना है जिससे सीधे तौर पर गरीब और बेरोज़गार अकलियती नौजवानों को फायदा होगा। विभाग के मंत्री ने नौजवानों से अपील की है कि वो इस योजना का फायदा उठाए और सूबे में अपने रोजगार को कायम कर अपनी माली हालत को दुरुस्त करें। मंत्री का कहना है कि अल्पसंख्यक लोन बिहार 2021 में कर्ज लेना अब आसान कर दिया गया है। पहले सरकारी ग्रांटर की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं है।

 

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गरीब नौजवानों के रोजगार का मसला होगा हल

 

अल्पसंख्यक विभाग का कहना है कि इस फैसले से हज़ारों गरीब नौजवानों के रोजगार का मसला हल होगा। वो अपना रोजगार कायम कर सकेंगे साथ-साथ दूसरे लोग भी उनके साथ जुड़ कर रोजगार हासिल करने के काबिल बन सकेंगे। लॉकडाउन और कोरोना के चलते बेरोजगार नौजवानों की तादाद में इजाफा हुआ है। बड़े शहरों में दो वक्त की रोटी के लिए पलायन करने वाले लोग अब अपने वतन में रह कर ही रोजगार की तलाश कर रहे हैं। एक तो काम का आभाव है ऊपर से उनके पास पैसा नहीं होने के कारण वो अपना कोई रोजगार नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अल्पसंख्यक विभाग के कर्ज स्कीम से अकलियती नौजवानों को फायदा हो इस बात को जमीन पर उतारने की कोशिश की जा रही है।

 

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कर्ज मिलने की राह में रूकावट

 

कर्ज मिलने की राह में सबसे बड़ी बाधा ज़िलों में होता है। दरअसल कर्ज के लिए दरख्वास्त देने का इंतज़ाम ज़िलों में है जहां दरख्वास्तों पर समय रहते कार्रवाई नहीं होती है और लोगों को कर्ज लेने के लिए महीनों और कई बार सालों तक इंतज़ार करना पड़ता है। अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री का कहना है की इन तमाम दुश्वारियों को हल करने की कोशिश की जा रही है। इस सिलसिले में ज़िलों के अफसरों को हिदायत दी जाएगी ताकि कर्ज लेने वाले लोगों को वक्त पर कर्ज मिल सके।

 

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मंत्री ने दिया भरोसा बेरोजगार नौजवानों को होगा फायदा

 

जानकारों का कहना है कि अकलियतों के विकास के नाम पर सरकार की दर्जनों योजनाएं हैं लेकिन अकलियती आबादी को उससे कोई खास फायदा नहीं होता है। इस बात का जवाब देते हुए जमा खान ने कहा कि पहले क्या हुआ उस को मैं नहीं जानता लेकिन अब लोगों को मैं यकीन दिलाता हूं कि कर्ज लेने में हो रही दिकत को हर कीमत पर हल किया जाएगा। विभाग इस काम की मॉनिटरिंग करेगा। मंत्री का कहना है कि आने वाले दिनों में विभाग कर्ज स्कीम को और भी सरल बनाने की कोशिश करेगा। मंत्री के मुताबिक सरकार का मकसद गरीब और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना है।

 

बड़ा सवाल ज़िला के अफसर कितने होंगे गंभीर

 

जानकारों की माने तो जिस तरह से मंत्री ने कर्ज स्कीम को लागू करने के सिलसिले में बदलाव लाने की बात कही है अगर वाकई में उसी तरह से उस काम को ज़मीन पर उतारा गया तो लोगों को काफी फायदा होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ज़िलों के अफसरों पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग लगाम लगा पाएगा ये कहना मुश्किल है। इसलिए भी की अब तक ज्यादातर मसले ज़िलों के अफसरों की कोताही और लापरवाही के कारण ही हल नहीं हुआ है। अल्पसंख्यक वित्तीय निगम अपनी तरफ से कोशिश करता भी है तो ज़िलों में जाकर उनकी पूरी कोशिश पानी का बुलबुला साबित होता रहा है। हालत ऐसी हो जाती है कि लोगों को कर्ज लेने में इस कदर दुश्वारी होती है कि गरीब नौजवान कर्ज लेने का इरादा ही छोड़ देते हैं।

 

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