Bihar MIM MLA

Bihar MIM MLA

Bihar MIM MLA: एम आई एम ने बिहार की नई सरकार से की बड़ी मांग

Bihar MIM MLA
अख्तरुल ईमान, प्रदेश अध्यक्ष, एम आई एम बिहार।
एम आई एम ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के साथ वर्षों से भेद भाव हो रहा है। अल्पसंख्यक संस्थान तो पहले से ही खस्ताहाल है। अल्पसंख्यकों के शिक्षण संस्थानों पर भी सरकार का ध्यान नहीं है। एम आई एम ने सवाल खड़ा किया है कि आखिर क्या वजह है कि उर्दू के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है। अकलियती एदारों को गठन नहीं किया जा रहा है। सीमांचल के विकास को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

एम आई एम ने बिहार की नई सरकार से बड़ी मांग की है। एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि हम सरकार की आलोचना नहीं करना चाहते हैं। लेकिन अब राज्य में महागठबंधन की सरकार है। ऐसे में लोग ये उम्मीद कर रहे हैं की उनके मसले को हल किया जाएगा। Bihar MIM MLA अख्तरुल ईमान के मुताबिक कई वर्षों से उर्दू के शिक्षकों की नियुक्ति ठंडे बस्ते में है। 12,000 स्पेशल टीईटी उर्दू के अभ्यर्थियों का मसला सरकार ने अब तक हल नहीं किया है। जबकि टीईटी उर्दू के उम्मीदवार पिछले 8 सालों से तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं के दरवाजे का चक्कर काटते रहे हैं। एम आई एम का कहना है की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंसाफ की बात करते हैं तो उन्हें पहली फुर्सत में उर्दू टिचरों के मसले को हल करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Anjuman Islamia Hall Patna

एम आई एम ने सीमांचल पर खड़ा किया सवाल

एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान का कहना है कि सीमांचल के मसले को हमेशा ठंडे बस्ते में डाला गया है। सीमांचल की मुश्किलों पर आरजेडी-जेडीयू की गठबंधन को तुरंत गौर करना चाहिए। एम आई एम का कहना है कि सीमांचल के बाढ़ ग्रस्त इलाकों पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। लंबे समय से सीमांचल को नजरअंदाज करने का काम जारी है। सीमांचल में विधानसभा के 24 सीट है और सरकार में भी सीमांचल के कई मंत्री शामिल है। फिर भी सीमांचल खस्ताहाल और परेशान है। आखिर क्यों। Bihar MIM MLA अख्तरुल ईमान ने कहा कि सीमांचल के मामले पर वहां के नेताओं का सरकार के सामने मुंह तक नहीं खुलता है। उनका कहना है कि एम आई एम सीमांचल को इंसाफ दिलाने की लड़ाई जारी रखेगी और हर कीमत पर इलाके के मसले को हल कराया जाएगा।

ये भी पढ़ें- Urdu Teacher

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

किशनगंज जैसे पिछड़े इलाके में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ब्रांच को खोलने का फैसला किया गया था। लेकिन आज तक यूनिवर्सिटी को जमीन पर नहीं उतारा जा सका है। एम आई एम का कहना है कि आखिर एक विश्वविद्यालय को स्थापित नहीं करने से किसको फायदा होगा। यूनिवर्सिटी सब का होता है। शिक्षण संस्थान की तरक्की के लिए सभी को कोशिश करने की जरूरत है। बिहार जैसे पिछड़े राज्य में शिक्षण संस्थानों की स्थापना होती है तो ये खुशी की बात है। लेकिन इस सिलसिले में बिहार की सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया है। अब नई सरकार से सीमांचल के लोग उम्मीद करते हैं कि कम से कम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के ब्रांच को जमीन पर उतारने का मसला सरकार हल कराएगी। एम आई एम ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अकलियतों के मसले को हल करने का ख्वाब दिखाते रहे हैं। ऐसे में अब उनके पास मौका है कि वो किशनगंज के ए.एम.यू. ब्रांच को जमीन पर उतारने की कार्रवाई करें।

ये भी पढ़ें- AMU KISHANGANJ

उर्दू टीचर

एम आई एम ने कहा की राज्य के ज्यादातर सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की जगहे खाली है। आखिर क्या वजह है कि उर्दू के साथ सरकार सौतेला सुलूक कर रही है। वर्षों से उर्दू शिक्षकों की बहाली का मुद्दा उठता रहा है लेकिन सरकार ने उस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझा है। एम आई एम का कहना है कि उर्दू के साथ भेद भाव पूर्ण रवैया खत्म होना चाहिए। Bihar MIM MLA अख्तरुल ईमान ने कहा कि इस मसले को हल नहीं किया गया तो उर्दू आबादी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर होगी।  

शमसुल होदा मदरसा

एम आई एम ने राज्य सरकार को शमसुल होदा मदरसे के मामले पर कटघरे में खड़ा किया है। एम आई एम का कहना है कि शमसुल होदा मदरसा राज्य का अकेला सरकारी मदरसा है। लेकिन आज मदरसे की हालत चिंताजनक हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षा पर बड़ी-बड़ी बाते कहते हैं। लेकिन पटना के अशोक राज पथ पर स्थित शमसुल होदा मदरसे में शिक्षकों की नियुक्ति करने को तैयार नहीं है। क्या बिना शिक्षक के छात्रों की पढ़ाई मुमकिन हो सकती है। एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि इस सिलसिले में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को संजीदगी से गौर करना चाहिए।

उर्दू के खिलाफ होती है साजिश

एम आई एम के एम एल ए व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान के मुताबिक उर्दू और उर्दू के एदारों के साथ वर्षों से साजिश की जा रही है। किसी भी तरह उर्दू का गला घोंटा जाए उसकी कोशिश की जाती है। Bihar MIM MLA अख्तरुल ईमान ने सवाल खड़ा किया है कि क्या भाषा किसी समाज और किसी कौम की होती है या भाषा सभी की होती है। उनके मुताबिक उर्दू एदारों की हालत अफसोसनाक है। लेकिन उसके मसले को हल नहीं किया जा रहा है। उर्दू अकादमी, उर्दू परामर्शदाता समिति, बिहार मदरसा एजुकेशन बोर्ड के अलावा अल्पसंख्यकों के तमाम एदारों का गठन किया जाना चाहिए। Bihar MIM MLA अख्तरुल ईमान ने कहा की हम उम्मीद करते हैं कि बिहार की नई सरकार इन तमाम मुद्दों को जरूरी समझते हुए उसे हल करने की कोशिश करेगी।

Previous article
Next article

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

You cannot copy content of this page