Bihar Urdu Academy Aur Sarkar

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बिहार की उर्दू अकादमी

 

उर्दू बिहार की द्वितीय राज्य भाषा है।

Bihar Urdu Academy Aur Sarkar बिहार में उर्दू भाषा बोलने वालों की बड़ी संख्या है। बिहार की सरज़मीन हमेशा सांप्रदायिक सद्भावना की मिसाल पेश करती रही है। उर्दू भाषा की मिठास, समाज के ताने बाने को और भी खुबसुरत बनाता है। 17 अप्रैल 1981 में उर्दू को बिहार की द्वितीय राज्य भाषा का दर्जा दिया गया। सरकार की तरफ से उर्दू के सिलसिले में उठाए गये उस कदम की पुरे देश में तारीफ की गई थी। उर्दू भाषा के विकास के नाम पर राज्य में उर्दू की कई संस्थाएं काम करती है जिसमें से एक उर्दू अकादमी है।

 

पटना में है उर्दू अकादमी का दफ्तर।

 

1972 में उर्दू के विकास के लिए उर्दू अकादमी की स्थापना की गई थी। तब से उर्दू अकादमी उर्दू भाषा की तरक्की के लिए काम करती आरही है। पटना के अशोक राजपथ पर उर्दु भवन में अकादमी का दफ्तर है। दुसरी सरकारी भाषा बनने के बाद राज्य में उर्दु के लिए कई स्तर पर काम करने का फैसला किया गया। उर्दू अकादमी सरकार से अनुदान प्राप्त कर उर्दू भाषा के विकास के लिए काम करती है।

 

 

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उर्दू अकादमी के काम की राज्य के मुख्यमंत्रियों ने भी तारीफ की है।

मुख्यमंत्री उर्दू अकादमी के अध्यक्ष होते है इस नाते मुख्यमंत्री का उर्दू अकादमी से सीधा संपर्क रहता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उर्दू के विकास के लिए हमेशा काम करने का वादा किया और उर्दू के विकास के लिए कई फैसले भी किये। उर्दू से नीतीश कुमार के लगाव का शुरु में अकादमी को काफी फायदा हुआ। उर्दू अकादमी का अनुदान बढ़ा जिस के कारण अकादमी को उर्दू के लिए ज्यादा काम करने का अवसर प्राप्त हुआ।

 

उर्दू अकादमी विघटित नही मिल रहा है अनुदान।

6 अगस्त 2018 को उस वक्त के उर्दू अकादमी के सचिव मुश्ताक अहमद नुरी का कार्यकाल पुरा होने के बाद उर्दू अकादमी को घठित नही किया गया। करीब ढाई साल से अकादमी विघटित है। जिसके नतिजे में उर्दू पर होने वाला काम भी लगभग बंद पड़ा है। उर्दू बोलने वाले लोगों का कहना है की अकादमी उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार, प्रसार के साथ ही उसके विकास का काम करती है। साथ ही यहां सेमिनार, मुशायरा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। उर्दू लेखकों की किताबों को प्रकाशित करने के लिए भी अकादमी की तरफ से माली मदद दी जाती है। अकादमी को घटित नही किये जाने पर उर्दू आबादी ने अफसोस जताया है।

 

 

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