Akhtarul Iman

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Akhtarul Iman: नीतीश सरकार पर AIMIM का जबरदस्त हमला

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अख्तरुल ईमान, एमएलए व प्रदेश अध्यक्ष, AIMIM
अख्तरुल ईमान के मुताबिक हाल में बड़ी संख्या में शिक्षकों की सरकार ने नियुक्ति की है लेकिन उर्दू शिक्षकों के साथ एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाइंसाफी किया है। AIMIM का कहना है कि जितनी संख्या में उर्दू शिक्षकों का पद निकाला गया था उसमें आधी सीटों पर ही शिक्षकों की नियुक्त हो सकी है।

 

बिहार सरकार अल्पसंख्यकों के विकास का ढोंग करती है ये कहना है AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष Akhtarul Iman का। अख्तरुल ईमान के मुताबिक हाल में बड़ी संख्या में शिक्षकों की सरकार ने नियुक्ति की है लेकिन उर्दू शिक्षकों के साथ एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाइंसाफी किया है। AIMIM का कहना है कि जितनी संख्या में उर्दू शिक्षकों का पद निकाला गया था उसमें आधी सीटों पर ही शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक पहले से ही राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़ी तादाद में उर्दू पढ़ाने वाले टिचरों की जगहे खाली है। सरकार बार-बार उर्दू वालों के साथ इनसाफ करने का दावा करती है लेकिन हकीकत उसके उलटा है। उन्होंने कहा कि उर्दू के मसले को हमेशा ठंडे बस्ते में डाला जाता है। सरकार पूरी खामोशी के साथ उर्दू का गला घोंट रही है।

 

शनाख्त खत्म करने की साजिश

 

AIMIM का कहना है कि उर्दू आबादी भी सरकार की नियत को समझने से महरूम है। उन्हें एहसास नहीं हो रहा है कि सरकार उनकी शनाख्त खत्म करने की साजिश कर रही है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष Akhtarul Iman का कहना है कि इस सिलसिले में हमारी पार्टी ने लगातार सदन में सवाल उठाया है। सरकार उर्दू के मामले पर खुल कर कुछ कहने से भी बचती रही है। उनका कहना है कि उर्दू अकादमी, उर्दू परामर्शदाता समिति और दूसरे अल्पसंख्यक एदारों की स्थिति चिंताजनक है। उनके मुताबिक उर्दू के संस्थाओं को सरकार ने बर्बाद कर दिया है। अख्तरुल ईमान ने कहा कि अब शिक्षकों की नियुक्ति में भी इनसाफ नहीं किया जाना निहायत ही अफसोसनाक है।

 

12 हजार उर्दू के उम्मीदवारों के मसले को सरकार ने डाला ठंडे बस्ते में

 

AIMIM का कहना है कि उर्दू टीईटी उम्मीदवारों का मामला पिछले एक दशक से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। 12 हजार उर्दू टीईटी के उम्मीदवार दर-दर भटकने पर मजबूर हैं। सरकार न ही उर्दू टीईटी के उम्मीदवारों का रिजल्ट निकाल रही है और न ही उनकी बहाली के सिलसिले में कोई संजीदगी दिखाई देती है। Akhtarul Iman का कहना है कि क्या ये है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इंसाफ के साथ विकास का नारा। एमआईएम का कहना है कि सरकार लगातार दलित, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक, नौजवान, किसान और मजदूरों के विकास की बात करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। उनका कहना है कि सीमांचल की आबादी आज भी बुनियादी सुविधाओं तक से महरूम है लेकिन सरकार की तरफ से बुनियादी सुविधा जो कि लोगों का मौलिक अधिकार है उस तक को हल करने में हमेशा टाल मटोल का रवैया अपनाया जाता रहा है। AIMIM का कहना है कि आगामी लोकसभा के चुनाव में इन सभी मामलों को हमारी पार्टी मुद्दा बनाएगी। उनका कहना है कि हमारा मकसद आम लोगों का विकास है। हम गरीबों, शोषितों और महरूम तबकात के इनसाफ की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

 

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